ज ैव विविधता एवं संरक्षण
Journal: INTERNATIONAL JOURNAL OF RESEARCH -GRANTHAALAYAH (Vol.3, No. 9)Publication Date: 2015-09-29
Authors : निशा प ंवार;
Page : 1-3
Keywords : ज ैव विविधता एवं संरक्षण;
Abstract
पृथ्वी अपन े म ें असीम संभावनाए ं एकत्रित किये ह ुए है । प ्रकृति के अन ेकान ेक विविधताओ ं की कल्पना कर ही इस बात का पता लगाया जा सकता ह ै कि संभावनाए ं पक्ष की ह ै या विपक्ष की तात्पर्य प ृथ्वी पर अथाह कृषि भूमि, जल वृक्ष, जीव-जन्त ु तथा खाद ्य पदार्थ थे, परन्त ु मानव के अनियंत्रित उपभोग के कारण ये सीमित हा े गये ह ै । पर वास्तव में हम अपन े प्रयासों से इन संपदाओं का उचित प ्रब ंध कर इसे भविष्य के लिए उपयोगी बना सकत े ह ै । जैव विविधता किसी दिये गये पारिस्थितिकी त ंत्र बायोम, या एक प ूर े ग ृह में जीवन क े रूपों की विभिन्नता का परिणाम है । ज ैव विविधता किसी जैविक त ंत्र के स्वास्थ्य का घोतक है ।
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Last modified: 2017-09-25 19:04:16