आज की शिक्षा म ें स्वायत्तता की समीक्षा
Journal: INTERNATIONAL JOURNAL OF RESEARCH -GRANTHAALAYAH (Vol.5, No. 12)Publication Date: 2017-12-30
Authors : डाॅ. क ृष्णा महावर ';
Page : 401-405
Keywords : शिक्षाए स्वायत्तताए कशक्षा व्यवस्था व कशक्षा िी स्यायत्तता;
Abstract
दुसरो सेहस्तक्षेप कियेकिना हमारेस्यम िे फै सलेलेनेिी शक्ति िो स्यायत्तता िे रूप मेजाना जाता है। और यकद यह कशक्षा सेजड़ी हैतो िहुत ही महत्वपूर्ण मुद्दा िनिर सामनेआती हैं। आज कशक्षा िे क्षेत्र मेभी िई राजनीकति प्रभाव व अन्य हस्तक्षेप देखेजा सितेहैं। जो देश िे भकवष्य पर भी प्रश्न किन्ह खड़ा िरतेहैं। आज जरूरत हैंऐसेिदलाओ िी जो कशक्षा िी स्वायत्तता िो अराजि होनेसेभी रोिे । यंहा इस लेख मेंमेरा िें द्र किंदु जमीकन स्तर पर िदलाओ सेहै। ना तो मैंयहााँकिन्ही आयोगों िी ररपोर्टों िे खुलासा िरूाँ गी न ही कशक्षा सेजुड़े िोई आंिड़ेिताउंगी और ना ही यूजीसी अथवा अन्य किसी संस्थान सेजुड़ेशोध पर आधाररत सन्दभणपेश िरूाँ गी। िक्ति यह पूरी तरीिे सेमेरेअपनेकनजी अनुभवो अवलोिनों व सुझावों पर आधररत लेख हैं। आज िी कशक्षा पद्धकत िा रूप िेहद कविृ त हो िुिा है। कशक्षा सेवा िी िजाय व्यवसाय अकधि हो गयी हैं। आज िे कशक्षि माकसि तन्ख्वाह पानेवालेिािर सेअकधि िु छ नही है। मैंअपनी िात रवीन्द्रनाथ ठािु र िे उदाहरर् सेआरंभ िरना िाहंगी। स्वयं उन्हेंभी ििपन मेही स्कू ली कशक्षा पद्धकत िी रर्टाऊ पढ़ाई व कशक्षि िी कपर्टाई िी वजह सेकवलगाव हो गया था। कजसनेउनिे िालमन पर जीवनभर िे कलए प्रभाव डाला जो आगेिलिर उनिे द्वारा शांकतकनिे तन िी स्थापना िे कलए नीवं िी ईंर्ट िना। वेकशक्षा व्यवस्था व कशक्षा िी स्यायत्तता सेभकलभांकत पररकित थे। कशक्षा मेंछात्रों व कशक्षिो दोनो िी स्यायत्तता होना जरूरी हैं। परंतुयही ं स्यायत्तता अगर स्वछं दता व अराजिता िन जायेतो भकवष्य िा कविृ त होना तय है।मैंइस पंक्ति िो आज िी कशक्षा व्यवस्था मेिररताथणहोता पाती हाँकि . िोया पेड़ ििूल िा आम िहााँसेहोय। इस व्यवस्था िी आड़ मेकशक्षि व छात्र दोनो ही मनमानी िर रहेहैं।
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Last modified: 2018-01-22 18:58:34