चित्रकला की एक तकनीक - मेरी कोलाज कला
Journal: INTERNATIONAL JOURNAL OF RESEARCH -GRANTHAALAYAH (Vol.7, No. 11)Publication Date: 2019-11-30
Authors : डॉ. यतीन्द्र महोबे;
Page : 131-134
Keywords : चित्रकला; तकनीक; कोलाज कला;
Abstract
कला सिर्फ आनंद प्राप्ति का जरिया नहीं है ,बल्कि उसमें जनकल्याण यथार्थता एवं प्रेरणादायक भावना का समावेश भी अनिवार्य है। भारत में पचास प्रतिशत कलाकार ऐसे हैं जिनकी कलाकृतियॉं कला दीर्घाओं में लगी रहती हैं जिनमें आड़ी-तिरछी रेखायें यहॉं-वहाँ फैले रंग के अलावा कुछ भी नहीं होता। आज कुछ कलाकार ऐसे भी है जो कला को सिर्फ आत्मिक आंनद की प्राप्ति का साधन मानते हैं।ये चित्रकला के आधारभूत नियमो का उल्लंघन कर ऐसी कलाकृति तैयार करते है जो सिर्फ स्वान्तः सुखाय है। अतः इस प्रकार की कला जनसामान्य एवं समाज की परवाह किये बगैर निर्मित होती है।मुझे लगता है कि कलाकार में ऐसा या इतना कुछ जरूर होना चाहिए कि कलाकार की अभिव्यक्ति जनसामान्य तक पहुँच जाये।
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Last modified: 2020-01-08 16:19:15