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'पाण्डुलिपि' चित्रकला का एक प्रमुख आधार

Journal: INTERNATIONAL JOURNAL OF RESEARCH -GRANTHAALAYAH (Vol.7, No. 11)

Publication Date:

Authors : ;

Page : 241-246

Keywords : पाण्डुलिपि; आधार; चित्रकला;

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Abstract

भारतीय चित्रकला के इतिहास का महत्वपूर्ण पृष्ठ पाण्डुलिपि सांस्कृतिक सभ्यता और ऐतिहासिक श्रृखंला का परिचय देती है। जब से मनुष्य ने गुफा की दीवार पर पहली खरोंच मारी उसे अपनी कला स्थिरता का ज्ञान हुआ। प्राचीन काल में मनुष्य अपने मनोभावों की अभिव्यक्ति के लिए खड़िया अथवा गेरू मिट्‌टी से विभिन्न प्रकार के रेखा चित्रों एवं आकृतियों की रचना किया करता था। धीरे-धीरे लिपि का विकास होने पर भित्ति चित्रों शिलालेखों, ताम्रपत्रों, भोजपत्रों पर लेखन का कार्य किया गया। पाण्डुलिपियां भी लेखन व चित्रण की अनुपम कृति है।

Last modified: 2020-01-09 15:57:22