फ़िल्म समीक्षा: फूलन से “बैंडिट क्वीन” का सफ़र
Journal: Praxis International Journal of Social Science and Literature (Vol.4, No. 3)Publication Date: 2021-03-18
Authors : गरिमा रानी;
Page : 17-21
Keywords : बागी; बैंडिट क्वीन; कुरीति; फूलन देवी; डकैत; फिल्म फ़ेयर; निचली जाति; बीहड़;
Abstract
यूं ही कोई बागी नहीं बनता, इसके पीछे कोई न कोई सामाजिक और आर्थिक कारण अवश्य होता है। 10 अगस्त 1963 को फूलन का जन्म उत्तर प्रदेश के जालौन जिले के एक छोटे से गाँव गोरहा का पूर्वा में एक मल्लाह के घर हुआ था।एक तो जाति से निम्न और ऊपर से परिवार से भी निम्न वर्ग का होना तब के औरतों के लिए अभिशाप से कम न था। फूलन के परिवार में कुल 6 सदस्य थे जिनमें फूलन के माता-पिता के अलावा 2 भाई और 2 बहन थे। फूलन दूसरी औरतों जैसी शर्मीली और नाजुक सी नहीं थी बल्कि इसके विपरीत जवाबदेह थी। शायद यही मुख्य कारण था फूलन के बागी बनने का। तत्कालीन समय में उसने वो सबकुछ चुपचाप बर्दास्त नहीं किया जो सामान्यतः निचले तबकें की स्त्रियाँ करती थी।
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Last modified: 2021-06-21 01:39:02