प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में कोड-मिश्रण एवं कोड-परिवर्तन
Journal: Praxis International Journal of Social Science and Literature (Vol.3, No. 11)Publication Date: 2020-11-24
Authors : नेहा मनोहरराव सुपारे;
Page : 20-24
Keywords : विज्ञापन; विज्ञापन की भाषा; प्रौद्योगिकी; कोड-मिश्रण; कोड-परिवर्तन।;
Abstract
प्रस्तुत लेख में प्रौद्योगिकी तथा भाषा में आ रहे बदलावों एवं अन्य भाषाई कोड़ों पर चर्चा की गई है। मनुष्य जीवन में आज प्रौद्योगिकी का महत्वपूर्ण स्थान माना जाता है। मनुष्य एक बुद्धिमान एवं विकासशील प्राणी है। इस विकास में भाषा का एक महत्वपूर्ण स्थान माना जाता है। समय के साथ भाषा में आ रहे बदलाव मनुष्य के जीवन को भी काफी हद तक प्रभावित करता है। जब कोई व्यक्ति एक से अधिक भाषाओं का ज्ञानी हो, तब उसकी मातृभाषा में अन्य भाषाओं के शब्दों एवं वाक्यों का हस्तक्षेप देखा जाता है। इन भाषाई हस्तक्षेपो को ही कोड-मिश्रण एवं कोड-परिवर्तन कहा जाता है। आज प्रौद्योगिकी के बढ़ते उपयोग एवं प्रभाव के कारण समाज के हर हिस्से तक विज्ञापन पहुँच रहा है। विज्ञापनों की भाषा में एक साथ कई भाषाई कोड़ों का प्रयोग किया जाता है। जिसका प्रभाव समाज की भाषा पर देखा जा सकता है।
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Last modified: 2021-06-23 21:33:07