कृषकों की सामाजिक समस्याओं के प्रति चौधरी चरण सिंह का दृष्टिकोण
Journal: ANSH - JOURNAL OF HISTORY (Vol.3, No. 3)Publication Date: 2021-12-31
Authors : डॉ सुरेश चन्द; डॉ ममता;
Page : 29-36
Keywords : चौधरी चरण सिंह; कृषक सुधार; आर्य समाज; धर्म परिवर्तन; सांप्रदायिकता; अंतर्जातीय विवाह;
Abstract
भारत के पांचवें प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह की राजनीतिक यात्रा उनके कृषकों के नेता के तौर पर उभरने पर आधारित थी। आधुनिक भारतीय राजनीतिक विचार में चौधरी साहब का भी विशेष योगदान रहा। उनकी आर्य समाज एवं जाट कृषक समाज की पृष्ठभूमि ने उनके व्यक्तित्व पर छाप तो छोड़ी परंतु धर्मांधता, अंधविश्वास एवं जातिवाद जैसी संकीर्णताओं से वह कम प्रभावित दिखाई पड़ते हैं। उन्होंने गांधीवाद, किसान सुधार, जमींदारी उन्मूलन, भारतीय अर्थव्यवस्था आदि विषयों पर पुस्तकें, लेख एवं भाषण देकर अपने एक प्रबल बुद्धिजीवी होने का प्रमाण दिया। ज़मीनी सामाजिक स्तर से लेकर उच्चतम राजनीतिक परिवेश पर उन्होंने अपने विचार प्रकट किए। जाति प्रथा जैसी सामाजिक बुराइयों और राष्ट्रीय स्तर पर होने वाले भ्रष्टाचार के कारणों पर भी चौधरी साहब ने रोशनी डाली है। उनके विचारों की आज के समय के लिए प्रासंगिकता उनके धर्म परिवर्तन के विवादास्पद प्रश्न पर चिंतन से भी जाहिर होती है। पंडित जवाहरलाल नेहरू से उनकी किसी विषय पर सहमति थी तो कुछ विषयों पर मतभेद। इस शोधपत्र में इन्हीं सब विषयों की चर्चा संक्षेप में की गई है।
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Last modified: 2022-01-25 14:02:51