CHANGING NATURE OF TRADITIONAL KUTTI ART OF WESTERN RAJASTHAN पश्चिमी राजस्थान की परम्परागत कुट्टी कला का बदलता स्वरूप
Journal: SHODHKOSH: JOURNAL OF VISUAL AND PERFORMING ARTS (Vol.3, No. 1)Publication Date: 2022-01-13
Authors : Manish;
Page : 134-148
Keywords : Nature; Traditional; Western; Unique; Handicrafts;
Abstract
The ever-flowing stream of folk art is a unique heritage of tradition, these forms and handicrafts associated with the spontaneous joy of creation and social life, being beautiful, with their positive energy, vibrate the mind, and consciousness of man as well as the courtyard of the house. The credit for keeping these forms and handicrafts with importance of social life alive through traditions goes to the people of rural areas here. From the development of civilizations to the modern times, human beings have edited many types of arts. In all these types of arts edited by humans, the presentation of a unique tableau of emotion and experiences is seen. Be it folk arts of rural areas or court arts, each art has flourished and flourished over time, and gradually the forms of these arts have also changed. Flowing with the flow of time, these arts got oriented towards new changes due to modern art influences. Rajasthan has been famous all over the world for its art and craftsmanship. The arts here have been attracting everyone towards themselves, giving an unprecedented introduction to handicraft skills. Abstract [Hindi] लोककला की अनवरत बहती धारा, परम्परा की अनुपम धरोहर है, सृजन के सहज आनन्द व सामाजिक जीवन से जुडे़ ये रूपाकार व हस्तशिल्प सौन्दर्यमयी होकर अपनी सकारात्मक ऊर्जा से मनुष्य के मन-मस्तिष्क व चेतना के साथ-साथ घर आंगन को भी स्पन्दित करते है। सामाजिक जीवन के महत्व वाले इन रूपाकारों एवं हस्तशिल्पों को, परम्पराओं के द्वारा जीवित रखने का श्रेय यहा के ग्रामीण अंचल के लोगों को जाता है। सभ्यताओं के विकास क्रम से लेकर आधुनिक काल तक आते-आते मानव ने अनेक प्रकार की कलाओं का सम्पादन किया है। मानव द्वारा सम्पादित इन सभी प्रकार की कलाओं में भावाभिव्यक्ति एवं अनुभवों की अनुपम झाकी का प्रस्तुतीकरण देखने को मिलता है। ग्रामीण अंचल की लोक कलाएं हो या दरबारी कलाएं समय के साथ प्रत्येक कला फली व फूली है, और धीरे-धीरे इन कलाओं के स्वरूप भी बदलते गये है। समय की धारा के संग बहती हुई ये कलाएं आधुनिक कला प्रभावों के कारण नवीन परिवर्तन की ओर उन्मुख होती चली गई। कला एवं कारीगरी के लिए राजस्थान संसार भर में प्रसिद्ध रहा है। यहा की कलाएं हस्तशिल्प कौशल का अभूतपूर्व परिचय देती हुई सभी को अपनी ओर आकर्षित करते आये है।
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Last modified: 2022-07-05 17:10:17