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‘‘अद्वैत वेदांत के ब्रह्म और माया का कश्मीर शिवाद्वय के शिव और शक्ति से तुलनात्मक विवेचन’’

Journal: International Education and Research Journal (Vol.9, No. 5)

Publication Date:

Authors : ;

Page : 78-81

Keywords : अद्वैत वेदांत; ब्रह्म; माया; कश्मीर शिवाद्वयवाद; शिव; शक्ति;

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Abstract

भारतीय दर्शन परिवेश का अध्ययन करने पर यह ज्ञात होता है कि अनेक विचारधारायें अद्वैतवाद का प्रतिपादन करती है। अद्वैतवाद का प्रतिपादन आस्तिक और नास्तिक दोनों विचारधाराओं में किया गया है। लेकिन यहां चर्चा का विषय शंकराचार्य का अद्वैत वेदांत और अभिनव गुप्त का कश्मीर शिवाद्वयवाद है। दोनों ही अद्वैतवाद मूलक विचारधारायें है। पहली विचारधारा परमसत्ता को ब्रह्म मूलक मानती है, जबकि दूसरी विचारधारा सम्पूर्ण विश्व को शिवमय मानती है। दोनों ही विचारधारायें ब्रह्म, शिव, माया, शक्ति जीव और जगत संबंधी अपने अपने मतो के द्वारा अद्वैतवाद की स्थापना करती है। इस शोध पत्र में ब्रह्म का स्वरूप, माया का स्वरूप तथा शिव-शक्ति के स्वरूप संबंधी मतों का उल्लेख कर तुलनात्मक अध्ययन किया जायेगा। इस शोध पत्र का उद्देश्य दोनों विचारधाराओं के भिन्न तथा अभिन्न मतो को प्रस्तुत कर इन दोनों दर्शनों की महत्ता को प्रकाशित करना है।

Last modified: 2023-07-20 17:59:38