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THE ROLE OF SIR ANTONY MACDONNELL TO MAKING COMMUNAL INDIAN POLITICS (1858-1900) WITH SPECIAL REFERENCE TO UNITED PROVINCE

Journal: International Education and Research Journal (Vol.9, No. 10)

Publication Date:

Authors : ;

Page : 125-125

Keywords : ;

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Abstract

प्रस्तुत शोध इस मान्यता पर आधारित है कि सर एंटनी मैकडानल के प्रशासनिक सुधारों के साथ नौकरशाही का शासन आरंभ होता है। केम्पसन ने हिन्दी को प्रोत्साहित किया परिणामस्वरूप हिन्दी-उर्दू विवाद से साम्प्रदायिकता के आधार पर अलगाववाद की राजनीति प्रारंभ हो गई जिसका अंत भारत विभाजन के रूप में हुआ। सर सैयद अहमद खाँ के प्रयासों से अंग्रेज नौकरशाही को मनोवृत्ति और सोच में आश्चर्यजनक बदलाव आया। ए0एम0यू0 कालेज अलीगढ़ की स्थापना, अलीगढ़ आन्दोलन के रूप में उसकी अभिव्यक्ति, मुसलमानों में शैक्षिक क्रांति, उनमें राजनीतिक चेतना का उदय यह सब कुछ हुआ। यदि निष्पक्ष दृष्टि से अवलोकन करे तो स्पष्ट होगा कि मुसलमानों को राजनीतिक बनाने में न चाहते हुए भी अंग्रेज नौकरशाही का ही हाथ था। बात अलगाववाद की हो या सांप्रदायिकता की यह सत्य है कि इन प्रवृत्तियों के अंकुर ब्रिटिश नौकरशाही की मानसिकता में ही आते थे, ब्रिटिश नौकरशाही द्वारा चलाई गई राजनीति का परिणाम है कि भारत में सदा के लिए सांप्रदायिकता का दैव्य खड़ा कर देता है और भारत विभाजन के उपरांत भी यह दैत्य मर नहीं जाता। ब्रिटिश हितों का संरक्षण, भारतीय हितों की उपेक्षा, सांप्रदायिक वैमनस्य में बृद्धि, पृथकतावाद को बढ़ाना इन अधिकारियों की विशेषता रही है। इन अधिकारियों में बेक, मैकडानल, लायल, ऑकलैन्ड, लालची फ्रोस्व्यवेट, बटलर, मेस्टन, केम्पसन, हेली क्रेडक आदि प्रमुख रहे हैं। जिन्होंने ब्रिटेन स्थिति सरकार की नीतियों को प्रभावित किया।

Last modified: 2024-02-07 19:14:01