पंचायती राज में महिलाओं की राजनीतिक भूमिका: एक अवलोकन
Journal: International Education and Research Journal (Vol.10, No. 4)Publication Date: 2024-04-15
Authors : डॉ. जयश्री रणसिंह;
Page : 60-62
Keywords : महिला प्रतिनिधि; महिला आरक्षण; पंचायतीराज व्यवस्था; सामाजिक भेदभाव;
Abstract
भारत में प्राचीन समय से जीवन के हर क्षेत्र में महिलाओं ने पुरुषों के साथ मिलकर काम किया है। भारतीय महिलाएं चाहे वह शहरी क्षेत्र की हो या गांव की, सहयोग और विकास कार्य में अपनी भागीदारी सुनिश्चित करती रहीं है। भारत में महिलाओं की विशाल संख्या अधीनता तथा उपेक्षित वर्ग का जीवन बिता रहीं है। हमारे देश की जनसंख्या का लगभग आधा हिस्सा महिलाएं है। अतः देश का समग्र विकास तब तक नहीं हो सकता है जब तक आधी आबादी को समुचित प्रतिनिधितव नहीं प्रप्त हो जाता है। हालांकि महिलाएं अब भी बड़ी संख्या में आर्थिक एवं राजनैतिक क्रियाकलापों तथा परिवर्तन की प्रक्रिया में भाग ले रहीं है, पर वास्तव में उन्हे लाभ प्राप्त नहीं हो रहा है। स्थानीय शासन की इकाईयों मंे ऐसा बहुत कम ही होता है कि ग्रामीण महिलाएं प्रत्यक्ष रूप से स्वयं अपने बलबूते पर ही निर्वाचित हो। जबकि अधिकांश रूप से यह देखा जाता है कि जो महिला प्रतिनिधि निर्वाचित होती हैं उसमें उनके परिवार के पुरूषों की भूमिका महत्वपूर्ण होती है। विभिन्न सामाजिक-आर्थिक रुकावटों के कारण महिलाओं को समाज में छोटा दर्जा प्राप्ंत है। महिलाओं द्वारा अनौपचारिक राजनैतिक क्रियाओं में तीव्र वृद्धि के बावजूद राजनैतिक संरचना में इनकी भूमिका वास्तव में अपरिवर्तित रही है।
Other Latest Articles
- RAM MANOHAR LOHIA'S CONTRIBUTIONS TO SOCIALIST THOUGHT IN INDIA: A CRITICAL PERSPECTIVE
- SPEECH-TO-TEXT TRANSCRIPTION FOR CORPORATION GRIEVANCE CALLS
- GUIDING THROUGH THE TECHNOLOGICAL ERA: UNDERSTANDING AND ADDRESSING MODERN CHALLENGES IN CHILD PSYCHOLOGY
- UNDERSTANDING GROUNDWATER DEPLETION IN INDIA: ASSESSING RISK THRESHOLDS AND ANALYSING CAUSATIVE FACTORS
- SWARN BHASM IS A TRADITIONAL AYURVEDIC MEDICINE, SYNTHESIS, CHARACTERIZATION AND USES OF SWARN BHASM AS A NANOPARTICLES
Last modified: 2024-06-07 19:30:31