प्रारंभिक शिक्षा में चित्र एकीकृत पाठ्यपुस्तकों का महत्व
Journal: International Education and Research Journal (Vol.10, No. 4)Publication Date: 2024-04-15
Authors : राजेश कुमार निमेश;
Page : 189-193
Keywords : आधारभूत शिक्षा; संज्ञानात्मक विकास; भाषा अर्जन; दृश्य जुड़ाव; सांस्कृतिक जागरूकता;
Abstract
प्रारंभिक बचपन की शिक्षा में चित्र आधारित पाठ्यपुस्तकों की भूमिका बहुत महत्वपूर्ण है, जो विकास के नए-नए आयामों से बच्चों को प्रभावित करती है। मुख्य रूप से, चित्र आधारित पाठ्यपुस्तकें विविध शब्दावली और सही व्याकरणिक संरचनाओं से परिचित कराकर भाषा विकास के लिए उत्प्रेरक का कार्य करती हैं, जिससे प्रवाह और संचार कौशल में वृद्धि होती है। इसी प्रकार, प्रेरणा, आलोचनात्मक सोच, समस्या-समाधान जैसी क्षमताओं और शैक्षणिक सफलता के लिए आवश्यक समझ एवं कौशल को बढ़ावा देती है। पुस्तकों में बने रंग-बिरंगे चित्र बच्चों में कल्पना और रचनात्मकता को प्रज्वलित करती हैं, जोकि बच्चों को उनकी अलग दुनिया और विचारों में ले जाती हैं, जबकि जटिल भावनाओं और नैतिक दुविधाओं का पता लगाने वाली चित्रित कहानियों के माध्यम से भावनात्मक विकास को बढ़ावा देती हैं। इसलिए इस आलेख में माध्यम से प्रारंभिक स्तर पर चित्र आधारित पाठ्यपुस्तकों के महत्व, पाठ्यपुस्तकों में चित्रों के प्रकार, आकर, माप और रंग, चित्रों का सीखने पर प्रभाव, पारंपरिक पाठ्यपुस्तकों में प्रकाशित चित्रों, डिजिटल छवियाँ एवं पाठ्यपुस्तकों में चित्रों का शैक्षिक उपियोगिताओं को प्रस्तुरत किया है।
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Last modified: 2024-09-16 19:33:10