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प्राकृतिक संसाधन एव ं उनका संरक्षण

Journal: INTERNATIONAL JOURNAL OF RESEARCH -GRANTHAALAYAH (Vol.3, No. 9)

Publication Date:

Authors : ; ;

Page : 1-3

Keywords : प्राकृतिक संसाधन एव ं उनका संरक्षण;

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Abstract

प ्रकृति न े मन ुष्य को सभी जीवनोपया ेगी संसाधन म ुक्त हस्त से प्रदान किये हैं। आदिमानव अपनी समस्त आवष्यकताओं की प ूर्ति के लिये प ूरी तरह प्रकृति पर निर्भर करता था, किंत ु आदि मानव से आध ुनिक मन ुष्य बनन े की विकासयात्रा म ें मन ुष्य न े प्राकृतिक संसाधनों का भरप ूर दोहन किया फलस्वरूप प्रकृति की अक ूत संपदा धीर े-धीर े समाप्त हा ेन े लगी। इस क्रम मे ं विभिन्न प्रजातियाँ विलुप्त प्रजातियो ं की श्रेणी में पहुँच गयी ं, शेष बची हुई प ्रजातिया ें और स्वयं मन ुष्य प ्रजाति को बचाये रखन े के लिय े भी प ्राकृतिक संसाधनों का संरक्षण अत्यावष्यक हो गया है। इस हेत ु विभिन्न सुरक्षात्मक कदम उठान े के साथ-साथ आवष्यकता ए ेसे युवाआ ें की है जो प्रकृति के प ्रति संव ेदनषील हों तथा विषम परिस्थितिया ें में भी प्रकृति के सानिध्य में रहकर प ्राकृतिक संसाधनों के संरक्षण का उत्तरदायित्व निभान े म ें सक्षम हों।

Last modified: 2017-09-25 18:07:01