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आधुनिक परिवारो म ें रसोई उघान क े प ्रति अभिव ृत्तिया ं ज्ञान एवं व्यवहार का अध्ययन

Journal: INTERNATIONAL JOURNAL OF RESEARCH -GRANTHAALAYAH (Vol.3, No. 9)

Publication Date:

Authors : ;

Page : 1-4

Keywords : आधुनिक परिवारो म ें रसोई उघान क े प ्रति अभिव ृत्तिया ं ज्ञान एवं व्यवहार का अध्ययन;

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Abstract

भारत द ेश में वर्त मान म ें पर्या वरण प ्रद ूषण एक विकट समस्या हैं। जिसके स ुधार में गृह वाटिका का महत्वप ूर्ण योगदान हो सकता हैं। घनी वस्तियों तथा औद्योगिक क्षेत्रों म ें भी ग ृहवाटिका की विश् ेाष भ ूमिका ह ैं। यदि घर के सामन े पेड पौधे लग े हों तो घर के अंदर धूलमिट ्टी नहीं आती तथा स्वच्छ हवा का आवागमन बना रहता है। इसमें घर की रसोई से निकलन े वाले व्यर्थ पदार्थो का उपयोग खाद के रूप में किया जा सकता ह ै। यह एक छोटी उत्पादन इकाई के रूप में भी हो सकती ह ै। इन्ही तत्थ्यों का े ध्यान में रखकर गृहवाटिका एक प्रयोगशाला प्रतीत होती है, जहां व्यक्ति उद्यानषास्त्री न होत े हुए भी राष्ट ृ्र् ीय विकास एव ं पर्या वरण सुधार म े ं महत्वप ूर्ण भूमिका निभा सकता है। भारत जैस े कृषि प्रधान द ेष म ें सब्जियो ं की खेती करना का ेई नई बात नहीं है। द ेश मे ं खाद्य समस्या क े समाधान के रूप म ें गृह वाटिका एक प ्रवल व प्रभावी चरण ह ै। गृहवाटिका से सभी वर्गो क े लोगो को ,चाह े व े निर्धन हो या स ंपन्न ताजी व स्वच्छ विभिन्नतायुक्त तथा निर ंतर सब्जियां प ्राप्त होती रहती ह ै। गृहवाटिका से तात्पर्य एक ए ेसी वाटिका से है जहंा निवास स्थान के समीप ही उपलब्ध भूमि पर स्वयं की आवश्यकता अन ुसार फल व सब्जिया ें का उत्पादन किया जाये।

Last modified: 2017-09-25 18:24:23