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“विश्वविद्यालयीन विद्यार्थिया ें म ें पर्या वरण जागरूकता: एक अध्ययन”

Journal: INTERNATIONAL JOURNAL OF RESEARCH -GRANTHAALAYAH (Vol.3, No. 9)

Publication Date:

Authors : ;

Page : 1-4

Keywords : विद्यार्थी एव ं पर्यावरण जागरूकता; पर्यावरण जागरूकता।;

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Abstract

आज हम 21वीं सदी म े प्रव ेष कर च ुके है, जिसम ें विज्ञान आ ैर प्रा ैद्योगिकी एक महत्वप ूर्ण भूमिका निभा रहे ह ै। इस प्रगति न े जहां एक आ ैर ब्रह्माण्ड के अन ेक रहस्या ें को सुलझाया ह ै । वही द ूसरी और मानव का अन ेकान ेक सुख सुविधाए ं प्रदान की है। इन मानवीय प्रगति एव ं विकास म े पर्यावरण तो सद ैव सहायक रहा है, परन्त ु इस विकास की दौड ़ मे हमन े पर्यावरण की उप ेक्षा की आ ैर उसका अनियन्त्रित शोषण किया ह ै। तात्कालिक लाभा ें के लालच मे मानव न े स्वयं अपन े भविष्य को दीर्घ कालीन संकट मे डाल दिया है। परिणामस्वरूप जीवन क े स्त्रोत पर्यावरण का अवनयन होता जा रहा है। इसी परिप ेक्ष्य मे यह परियोजना कार्य प्रस्त ुत है। भारत का सर्वाेच्च न्यायालय यह महसूस करता है कि भारत का हर नागरिक पर्या वरण जानकारी व जवाबदारी को समझ े व पर्या वरण सुधार संब ंधी सुझाव द े । शोध कार्य में द ेव निदर्षन ;ैंउचसपदह डमजीवकद्ध प्रणाली का प्रयोग कर प्रष्नावली भरवाकर प्राथमिक आंकड ़ों का संकलन किया गया तथा विष्वविद्यालय का सर्वेक्षण कर जानकारी प्राप्त की गई। शोध कार्य हेत ु प्राथमिक के साथ-साथ द्वितीयक आंकड ़ों का उपयोग किया गया। कार्य क्षेत्र का चयन हिमाचल प्रद ेष विष्वविद्यालय के पांच विभागों (आर्ट स्, काॅर्मस, र्साइ ं स, कम्प्यूटर व अन्य विभागों) का चयन कर प्रत्य ेक विभाग के 5-5 विद्यार्थियो ं स े प्रष्नावली भरवाई जाकर आंकड ़े प्राप्त किये गये है। पर्यावरण समस्या एव ं समस्या से निदान पान े सम्बन्धि जागरूकता को समझन े के लिए प्रष्नावली त ैयार की गई। समस्या से संब ंधित निष्कर्ष एव ं सुझाव दिए गए है।

Last modified: 2017-09-25 18:39:53