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पर्यावरण संरक्षण व अन्र्तराष्ट्रीय कानून

Journal: INTERNATIONAL JOURNAL OF RESEARCH -GRANTHAALAYAH (Vol.3, No. 9)

Publication Date:

Authors : ;

Page : 1-2

Keywords : पर्यावरण संरक्षण व अन्र्तराष्ट्रीय कानून;

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Abstract

भोतिकवादी पृवत्ति के वशीभूत हो इसांन अपनी सुख सुविधाओं में अधिकाधिक वृद्वि करने क े उदद ेश्य से प्राकृतिक संपदाओ का अविवेक पूर्ण दोहन जिस गति से कर रहा है, उसमें पर्यावरण का ताना बाना चरमरा रहा है । जीवन दायी तत्वों का दाता प्राक ृतिक पर्यावरण आज अत्यधिक द ेाहन, असीमित मात्रा म ें निकलते गंद े और उत्सर्जित पदार्थो क े कारण संकटमय स्थिति में पहु ंच गया है । इससे न सिर्फ मानव वस्तु अपितु संपूर्ण पृथ्वी पर संकट छाया हुआ है । इसलिये पर्यावरण को संरक्षित करना एवं प्रदुषण को नियंत्रित करना द ेश की एक व्यापक जिम्मेदारी बन गई है। प्रदुषण आज की एक ज्वलंत समस्या है । पर्यावरण अर्थात वातावरण को यह प्रदुषण दीमक की तरह खोखला कर रहा है आज न क ेवल मानव जाति,अपित ु पशु पक्षी भी प्रद ुषण से व्यथित एवं पर ेशान है । हमारा जन जीवन भी प्रदुषण क े कारण प्रतिक ुल रूप से प्रभावित हुआ है । विकलांगता अंधापन,आदि प्रद ुषण के ही परिणाम है । प्रद ुषण चाहे हवा का हो, जल का हो अन्य किसी तरह का ये मानव क े लिये घातक है ।

Last modified: 2017-09-27 19:16:18