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भानपुरा क्षेत्र क े प्रम ुख शैलचित्र स्थल तथा यहाँ की कलात्मक धरा ेहर

Journal: INTERNATIONAL JOURNAL OF RESEARCH -GRANTHAALAYAH (Vol.5, No. 11)

Publication Date:

Authors : ;

Page : 295-306

Keywords : भानप ुराए शैलचित्रएए कलाकृतिया;

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Abstract

शैलचित्रों से तात्पर्य ह ै शैलाश्रयों, गुफाओं, नदी नालों की दीवारों, छतों तथा ख ुली चट्टाना े ं परपुरा मानव द्वारा किय े गय े चित्रण को शैल चित्र कहते ह ैं। शैलचित्र वह कला ह ै जिसमें मानव क े अभ्य ुदय होने क े प्रमाण मिलते ह ै जो उस समय के मानव क े कलात्मक विकास और तीव्र इच्द्दा शक्ति की सोच को दर्शा ता ह ै। शैलचित्रों क े अतिरिक्त मानव इतिहास क े विभिन्न कालखण्डों में गीत, संगीत, नृत्य व अन्य विधाआ ें को भी मानव ने अपनी कलात्मक अभिव्यक्ति का माध्यम बनाया होगा, परन्तु शैलचित्रों क े अतिरिक्त अन्य माध्यम म ें की गयी अभिव्यक्ति काल क े थपेड ़ों में सुरक्षित नहीं रह सकीं। अतः श ैलचित्र मानव की सर्वाधिक प्राचीन उपलब्ध कलाकृतिया ँ ह ैं।

Last modified: 2017-12-14 16:41:36