ResearchBib Share Your Research, Maximize Your Social Impacts
Sign for Notice Everyday Sign up >> Login

विचारों का केन्द्र मानव - मस्तिष्क (मूर्तिकार राॅबिन डेविड के मूर्ति षिल्प के विशेष संदर्भ में)

Journal: INTERNATIONAL JOURNAL OF RESEARCH -GRANTHAALAYAH (Vol.7, No. 11)

Publication Date:

Authors : ; ;

Page : 18-20

Keywords : मस्तिष्क; विचारों; मानव;

Source : Downloadexternal Find it from : Google Scholarexternal

Abstract

शिल्पकार सृजन, सौंदर्य एवं विकास के वाहक है। परंपरागत षिल्पकार के बिना मानव सभ्यता, संस्कृति तथा विकास की परिकल्पना संभव नहीं है। षिल्पकारों में विभिन्न स्वरूपों में अपने कौषल से शस्यष्यामला धरती को सजाने-सँवारने में अपना महान योगदान दिया है। समस्त पाषणाओं से परे एक साधक की तरह परंपरागत षिल्पकार अपने औजारों के प्रयोग से मानव जीवन को सरल, सहज एवं सुंदर बनाने का उद्यम करते रहे हैं। आज समस्त सृष्टि जिस सुंदर रूप में दृष्टिगोचर हो रही है वह हमारे परंपरागत षिल्पकारों के अथक मेहनत एवं श्रम की ही देन है। यह एक ऐसा तथ्य है जिस पर हम गर्व कर सकते है।

Last modified: 2020-07-18 20:57:30