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महात्मा गांधी एक प्रेरक के रूप में

Journal: ANSH - JOURNAL OF HISTORY (Vol.1, No. 2)

Publication Date:

Authors : ;

Page : 44-52

Keywords : महात्मा गांधी;

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Abstract

विश्व के इतिहास में बहुत कम ऐसे व्यक्तित्व हुए जिन्होंने मानवता पर अपनी एक अलग छाप छोड़ी है। इनमें से एक हैं महात्मा गांधी। उनका जीवन बड़ा ही सरल, सादा परन्तु कठोर नियमों से बंधा हुआ था। उनका जीवन प्रयोगों की एक निरंतर कड़ी था। नैतिकता के प्रयोग का सबसे उत्कृष्ट उदाहरण ब्रिटिश दासता से भारत की आजादी पर उनके द्वारा किया गया नवीन एवं अनोखा प्रयोग है। अधिकांश धार्मिक एवं आध्यात्मिक ग्रंथों में जिस सत्य की बात कही गई है, गांधी जी ने उन्हीं सत्यों के साथ स्वयं को रूपांतरित, परिवर्धित व परिशोधित करने का कार्य किया। ब्रिटिश शासन द्वारा भारतीयों पर अत्याचार और उनकी दयनीय स्थिति का मुख्य कारण गांधी जी ने भारतीय समाज की नैतिक व आध्यात्मिक मूल्यों में कमी को माना और इससे छुटकारा प्राप्त करने हेतु आधुनिक सभ्यता की आलोचना, देशज संस्कृति व मूल्यों की उपयोगिता को मान्यता देना और ब्रिटिश सत्ता के मुकाबले के लिए नैतिक शक्ति के रूप में अहिंसात्मक तरीके से इस्तेमाल की बात कही। अयं निज: परोवेति गणना लघुचेतसाम्। उदार चरितानाम तु, वसुधैव कुटुम्बकम्॥

Last modified: 2020-02-05 11:55:11