राजस्थान राज्य के डुंगरपुर जिले के जनजातीय गांवों में ई-अपशिष्ट परिदृश्य
Journal: RIVISTA (Vol.1, No. 1)Publication Date: 2017-08-01
Authors : Vivek Mandot;
Page : 35-40
Keywords : ई-अपशिष्ट; आदिवासी; राजस्थान;
Abstract
वैश्वीकरण ने हर घर में इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों की शुरुआत की है और ई-अपशिष्ट को अब पूरी दुनिया में पर्यावरण के लिए खतरा माना जाता है। वर्तमान अध्ययन, राजस्थान राज्य में डुंगरपुर के आदिवासी क्षेत्रों के गांवों में सर्वेक्षण विधि से यादृच्छिक नमूना तकनीक का उपयोग करके किया गया। विश्लेषण से पता चलता है कि ई-अपशिष्ट के खतरे के बारे में जागरूकता का स्तर बहुत कम है। मोबाइल, टेलीविज़न और अन्य इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों का इस्तेमाल करने वाले लोगों का एक महत्वपूर्ण प्रतिशत उन्हें बेबुनियाद छोड़ने के हानिकारक प्रभावों से अवगत नहीं हैं। सर्वे में 20 प्रश्नावली और पियर्सन विश्वसनीयता गुणांक 0.89 पाया गया । विश्लेषण के अनुसार आय के आधार पर बराबर विचरण के 0.05 स्तर पर शून्य परिकल्पना निरस्त हो जाती है और असमान विचरण के लिए 0.01 स्तर पर परीक्षण को अस्वीकार करते हैं जबकि लिंग और आयु के आधार पर शून्य परिकल्पना के अनुसार ई-अपशिष्ट के दुष्परिणामों की जानकारी में कोई महत्वपूर्ण अंतर नहीं पाया गया।
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Last modified: 2017-08-15 11:26:55