विज्ञान के विथ्याकरण कार्ल पॉपर के दृष्टिकोण से समाज -विज्ञान शोध
Journal: INTERNATIONAL JOURNAL OF RESEARCH -GRANTHAALAYAH (Vol.7, No. 6)Publication Date: 2019-06-30
Authors : रंजिनी घोष;
Page : 67-71
Keywords : इतिहास; समाज; शिक्षा; शाश्त्र;
Abstract
सर कार्ल पॉपर के अनुसार वैज्ञानिक सिधान्तो में पुन विवेचना की आवश्यकता है जिससे वे सत्य के निकट पहुंचे जहा विज्ञानं अपने आप को स्वयं सिद्द्त मानता है वही विज्ञानं स्वयं का कई कसौटियों में परीक्षण करता है सत्य तक पहुंचने हेतु तर्क एवं गणित की सहायता आवश्यक होती है ावैज्ञानिक विधि केवल प्रत्यक्षिकरण पर आधारित होती है
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Last modified: 2019-07-02 15:26:14