बैतूल - छिंदवाड़ा क्षेत्र में पर्यटन के विकास से जनजातियो के रोजगार में हुए परिवर्तन का अध्ययन
Journal: Praxis International Journal of Social Science and Literature (Vol.4, No. 7)Publication Date: 2021-07-12
Authors : ओमजय गायकवाड़; अर्चना पुरोहित;
Page : 42-48
Keywords : पर्यटन; पर्यटक; जनजाति; रोजगार व आय।;
Abstract
प्रस्तुत शोध अध्ययन में बैतूल - छिन्दवाड़ा क्षेत्र की जनजातियो को रोजगार के लिए पर्यटक से जोड़ने का प्रयास किया गया है जिसमे पर्यटन को जन जातियो के लिए रोजगार आय प्राप्ति का सरल व सुगम साधन माना गया है। अध्ययन क्षेत्रमें पर्यटकों के आगमन से जनजातियो को रोजगार व आय की प्राप्ति हो रही है जिसमे उनका भरण पोषण हो जाता है उन्हें रोजगारकी तलास में भटकना नही पढ़ता है पर्यटकों के सम्पर्क में आने से इनकी बोल-चाल की भाषा– शैली , खान-पान व वेश – भूषा में भी परिवर्तन स्पष्ट रूप से द्रष्टिगोचर होता है। उनके व्यापार करने के तरीको एवं शिक्षा मे भी परिवर्तन देखा गया है ‘'अतिथि देवो भव:” संस्क्रत भाषा का शब्द है जिसके अर्थ का साक्षात्कार पर्यटकों के आगमन से जनजातियो के आर्थिक व सामाजिक स्थिती में हो रहे सकारात्मक विकास से होता है।
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Last modified: 2021-08-06 13:14:10