GLOBALIZATION AND MARKETISM IN INDIAN MEDIA (ANALYTICAL STUDIES) भारतीय मीडिया में वैश्वीकरण और बाजारवाद (विश्लेषणात्मक अध्ययन)
Journal: SHODHKOSH: JOURNAL OF VISUAL AND PERFORMING ARTS (Vol.3, No. 1)Publication Date: 2022-01-13
Authors : Mousmi Rai;
Page : 409-414
Keywords : Broadcast; Journalism; Western; Digital; Monopoly;
Abstract
एक प्रसिद्ध कहावत है- अच्छी चीजों को हमेशा ग्रहण करना चाहिए और बुरी चीजों को हमेशा छोड़ देना चाहिए। लेकिन भारतीय मीडिया के परिप्रेक्ष्य में यह कहावत कुछ अलग अर्थ लिए हुए है। वर्तमान दौर में भारतीय मीडिया खासकर प्रसारण मीडिया पश्चिमी और यूरोपीय देशों का अनुसरण कर रहा है। यह एक चिंताजनक स्थिति है, जिसपर समय रहते नियंत्रण पाना बेहद जरूरी है। Prasad (1989) लेकिन जिस तरह से वर्तमान मीडिया डिजिटल प्लेटफॉर्म की तरफ बढ़ रहा है, वैसे-वैसे खबरों की सीमाएं सिमटती जा रही हैं। मीडिया कंजवर्जेंस की स्थिति में प्रसारण पत्रकारिता की स्थिति बहुत अच्छी नहीं कही जा सकती। हालांकि सबकुछ नकारात्मक भी नहीं है। वैश्वीकरण के दौर में इंटरनेट ने प्रसारण पत्रकारिता को समृद्ध करने का भी कार्य किया है। यही कारण है कि अब पारंपरिक मीडिया के साथ-साथ डिजिटल मीडिया ने लोगों के बीच पैठ बढ़ाई है। खबरों से एकाधिकार भी खत्म हुआ है। जनता तक सच तेजी से पहुंच रहा है।
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Last modified: 2022-07-05 19:15:57