संस्कृतिकरण की अवधारणा
Journal: International Education and Research Journal (Vol.9, No. 8)Publication Date: 2023-08-15
Authors : Sh. Takdeer Singh;
Page : 139-141
Keywords : Sanskritisation; Indian society; Radcliffe Brown; structural functional; Brahminization; ideal model; Socio-cultural change; sociological pre-conditions etc.;
Abstract
मैसूर नरसिम्हाचार श्री निवास (एम०एन०श्री निवास) भारत के प्रमुख प्रारम्भिक समाजशास्त्रीयों में से एक हैं। जिन्होंने अपने लेखनों और क्षेत्र-कार्य परम्परा की भारत के समाजशास्त्र पर अपनी अमिट छाप छोड़ी है।श्री निवास और उनकी अवधारणा"प्रभुत्व जाति और संस्कृतिकरण का भारतीय समाजशास्त्र में महत्वपूर्ण स्थान है। भारत में नहीं अपितु विदेशो समाज वैज्ञानिकों ने भी अपने लेखनों में विशेषकर संस्कृतिकरण की अवधारणा का यथा स्थान उल्लेख किया है। भारतीय समाज में होने वाले परिवर्तन एवं समाज को समझने के लिए प्रमुख भारतीय समाजशास्त्री में श्रीनिवास का प्रमुख योगदान है। श्रीनिवास रेड क्लिफ ब्राउन के परम शिष्यो में से एक माने जाते हैं। श्रीनिवास ने सन् 1942 में रेडक्लिफ ब्राउन के सुझाव पर मैसूर के रामपुरा गांव का अध्ययन किया था। उनके विषय थे - " विवाह और परिवार''उनकी पुस्तक "मैरिज एंड फैमिली इन मैसूर" के नाम से जानी जाती है। प्रकार्यात्मक दृष्टिकोण का प्रभाव श्रीनिवास की पुस्तक " रिलिजन एण्ड सोसाइटी'' अमंग दि कुगर्स आफ साउथ इंडिया'' है। श्रीनिवास ने इस पुस्तक में धर्म के सम्बंध को वृहद सामाजिक संगठन के सन्दर्भ में देखा है। श्रीनिवास सामाजिक परिवर्तन को धर्म के साथ जोड़ते हैं। कहीं भी वे यह नहीं देखे कि राज्य और धर्म का क्या ताल्लुक है।
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Last modified: 2023-10-26 15:55:49