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सामाजिक समस्याएं व पर्या वरण: उच्चतम न्यायालय की भूमिका

Journal: INTERNATIONAL JOURNAL OF RESEARCH -GRANTHAALAYAH (Vol.3, No. 9)

Publication Date:

Authors : ;

Page : 1-3

Keywords : सामाजिक समस्याएं व पर्या वरण: उच्चतम न्यायालय की भूमिका;

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Abstract

पर्यावरण से मानव का गहरा संब ंध ह ै। मन ुष्य जब से इस पृथ्वी पर आया, उसन े पर्या वरण को अपन े साथ जोड ़े रखा है। सूर्य, चन्द ्रमा, पृथ्वी, पर्वत, वन, नदियां, महासागर, जल इत्यादि का प्रयोग मन ुष्य मानव विकास के आर ंभ से करता आ रहा है। मन ुष्य अपन े द ैनिक जीवन में लकड ़ी, भोजन, वस्त्र, दवायें इत्यादि प्राप्त करन े हेत ु प्राकृतिक सम्पदा का शुरू से उपयोग किया है और वर्त मान मे निर ंतर जारी है। सामाजिक परिवर्त न क े साथ औद्योगिक विकास एव ं जनसंख्या वृद्धि म ें पर्यावरण को प्रभावित किया है। औद्योगीकरण के कारण व्यक्ति आज अपनी आवश्यकता क े अन ुरूप पर्यावरण को बदलन े के लिये सक्रिय कारक बन गया है। वनो का विनाश वायु एव ं जलीय प्रद ूषण एव ं कृषि उत्पादन हेत ु कीटनाशक दवाओं के बढ ़त े हुए प्रयोग न े वातावरण म ें व्यापक परिवर्तन किये है। अकाल स ूखा अतिवृष्टि भूकम्प एव ं महामारी ज ैसे विभिन्न प्रकार के रोग मानव सभ्यता क े विनाश के कारण बन े हुए हैं। आज औद्योगीकरण के चरम विकास क े साथ पर्यावरण प ्रद ूषित हो रहा ह ै। वसुन्धरा ज्ञात गृहा ें से सबसे सुन्दर है आ ैर मन ुष्य उसकी श्र ेष्ठतम क ृति। इस पृथ्वी पर जीवन लगभग ड ेढ ़ करोड ़ वर्ष पहले से ह ै। जीवन के विकास म ें एक महत्वप ूर्ण पड ़ाव के रूप में मानव जाति का उद ्दभव हुआ। सभी जीवों में ‘‘मानव जीवन'' श्रेष्ठ है। इसकी बौद्धिक, शारीरिक क्षमता अन्य जीवों की त ुलना मे ं अत्याधिक विकसित है।

Last modified: 2017-09-25 19:00:25