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पर्यावरण प्रदूषण-मानव स्वास्थ्य (एक विश्वव्यापी समस्या)

Journal: INTERNATIONAL JOURNAL OF RESEARCH -GRANTHAALAYAH (Vol.3, No. 9)

Publication Date:

Authors : ;

Page : 1-2

Keywords : पर्यावरण प्रदूषण-मानव स्वास्थ्य (एक विश्वव्यापी समस्या);

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Abstract

आधुनिक विकास का प ्रतीक बनकर आई आ ैद्योगिक क्रांति के घातक पहलुओं के बार े में बह ुत कम लोगो ंका ध्यान जा पाया ह ै जान े कितन े लोग औद्योगिक प्रद ुषण के कारण तिल-तिल कर मरत े हैं। दिनां दिन प्रद ुषित होत े पर्यावरण के कारण संक्रामक बीमारियाँ न सिर्फ भारत में अपित ु विश्व के अधिकांश द ेशो ंमें बढ ़ती जा रही ह ै। भारत ही नहीं सम्पणर््ूा विश्व मे ंबीमारियों का खतरा हर दिन बढ़ रहा है। संयुक्त राष्ट ª के आँकड ़ों के अन ुसार संयुक्त राज्य अमेरिका में प्रति व्यक्ति ग्रीन हाउस उत्सर्जन की दर भारत की त ुलना में 16 गुना ज्यादा ह ै, बांगलाद ेश की त ुलना में 60 गुना ज्यादा है। इथिया ेपिया तथा माली की त ुलना म ें 200 ग ुना ज्यादा ह ै। आस्ट ª ेलिया, कनाडा एव ंलक्जमबर्ग जैस े विकसित द ेश इस मामले मे ं अमेरिका के करीब ही है। इ ंग्लेण्ड मे ंपर्व ूी एजंलिया विश्वविद्यालय के प ्रोफसेर पाॅल इट ंर न े एक ब्रिटिश विज्ञान सभा में कहा कि अनिश्चित मौसम के कारण आन े वाली बाढ ़ और सूखे के कारण भी संक्रामक बीमारिया ें का खतरा बढ ़ जाता है। इसी तरह अन्य बीमारियां समुद ्री मछलिया े ंके सेवन से अथवा सम ुद ्र में सक्रमित पानी में त ैरन े से होती ह ै। इसके कारण चर्म रागे और अन्य बीमारियो ंके लक्ष्ण दिखत े है जो काफी घातक हात े है। इन बीमारियो ंके जीवाणु 200ब् या उससे ज्यादा तापमान पर पानी मे ंरहत े है। समुद ्री जीवाणुओ ंद्वारा हान े वाली इस बीमारी को विब्रियो वननीफिकस कहत े है। जानकारी के अन ुसार इस तरत के जीवाणु अमेरिका की खाड ़ी मे ंपाए जात े ह ै। और उनकी पहचान बाल्टिक सागर मे ं त ैराकी करत े हुए तीन लोगो में की गई ह ै। इसी बीमारी से ड ेनमार्क में एक मौत भी हुई है। इटली समुद ्र तट पर रहने वाले लोग भी ओस्टिरो ंओपसिस आव ेटा जीवाणु से सव िंमत हुए है।

Last modified: 2017-09-25 19:38:16