पर्यावरण प्रदूषण-मानव स्वास्थ्य (एक विश्वव्यापी समस्या)
Journal: INTERNATIONAL JOURNAL OF RESEARCH -GRANTHAALAYAH (Vol.3, No. 9)Publication Date: 2015-09-29
Authors : त ृप्ति जोशी;
Page : 1-2
Keywords : पर्यावरण प्रदूषण-मानव स्वास्थ्य (एक विश्वव्यापी समस्या);
Abstract
आधुनिक विकास का प ्रतीक बनकर आई आ ैद्योगिक क्रांति के घातक पहलुओं के बार े में बह ुत कम लोगो ंका ध्यान जा पाया ह ै जान े कितन े लोग औद्योगिक प्रद ुषण के कारण तिल-तिल कर मरत े हैं। दिनां दिन प्रद ुषित होत े पर्यावरण के कारण संक्रामक बीमारियाँ न सिर्फ भारत में अपित ु विश्व के अधिकांश द ेशो ंमें बढ ़ती जा रही ह ै। भारत ही नहीं सम्पणर््ूा विश्व मे ंबीमारियों का खतरा हर दिन बढ़ रहा है। संयुक्त राष्ट ª के आँकड ़ों के अन ुसार संयुक्त राज्य अमेरिका में प्रति व्यक्ति ग्रीन हाउस उत्सर्जन की दर भारत की त ुलना में 16 गुना ज्यादा ह ै, बांगलाद ेश की त ुलना में 60 गुना ज्यादा है। इथिया ेपिया तथा माली की त ुलना म ें 200 ग ुना ज्यादा ह ै। आस्ट ª ेलिया, कनाडा एव ंलक्जमबर्ग जैस े विकसित द ेश इस मामले मे ं अमेरिका के करीब ही है। इ ंग्लेण्ड मे ंपर्व ूी एजंलिया विश्वविद्यालय के प ्रोफसेर पाॅल इट ंर न े एक ब्रिटिश विज्ञान सभा में कहा कि अनिश्चित मौसम के कारण आन े वाली बाढ ़ और सूखे के कारण भी संक्रामक बीमारिया ें का खतरा बढ ़ जाता है। इसी तरह अन्य बीमारियां समुद ्री मछलिया े ंके सेवन से अथवा सम ुद ्र में सक्रमित पानी में त ैरन े से होती ह ै। इसके कारण चर्म रागे और अन्य बीमारियो ंके लक्ष्ण दिखत े है जो काफी घातक हात े है। इन बीमारियो ंके जीवाणु 200ब् या उससे ज्यादा तापमान पर पानी मे ंरहत े है। समुद ्री जीवाणुओ ंद्वारा हान े वाली इस बीमारी को विब्रियो वननीफिकस कहत े है। जानकारी के अन ुसार इस तरत के जीवाणु अमेरिका की खाड ़ी मे ंपाए जात े ह ै। और उनकी पहचान बाल्टिक सागर मे ं त ैराकी करत े हुए तीन लोगो में की गई ह ै। इसी बीमारी से ड ेनमार्क में एक मौत भी हुई है। इटली समुद ्र तट पर रहने वाले लोग भी ओस्टिरो ंओपसिस आव ेटा जीवाणु से सव िंमत हुए है।
Other Latest Articles
Last modified: 2017-09-25 19:38:16