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नर्मदामयी अमृतलाल वेगड़ का कलापक्ष

Journal: INTERNATIONAL JOURNAL OF RESEARCH -GRANTHAALAYAH (Vol.7, No. 11)

Publication Date:

Authors : ;

Page : 185-188

Keywords : नर्मदामयी; कलापक्ष; अमृतलाल;

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Abstract

'शिखर सम्मान', 'शरद जोशी सम्मान', 'सृजन सम्मान' तथा महापंडित राहुल सांस्कृत्यायन जैसे महत्वपूर्ण सम्मानों से सुशोभित श्री अमृतलाल वेगड़ नर्मदा प्रेम से ओत-प्रोत रहे हैं। उन्होंने अपने धर्म, कर्म और संस्कृति में नर्मदा- सौंदर्य को ही देखा। नर्मदा पद यात्रा के दौरान आपका एक ही मंत्र होता था, 'नर्मदा तुम कितनी सुन्दर हो' यही जाप करते हुए ही अपनी नर्मदा परिक्रमायें पूरी की। इस दौरान आपने उस पल को उत्साह के साथ महसूस किया। मध्यप्रदेश में अनवरत प्रवाहित होने वाली जीवनदायिनी 'नर्मदा नदी' का व्यक्तित्व पाकर ही श्री अमृतलाल वेगड़ की कला-यात्रा पूर्णता को पाती है। आपकी नस-नस में, संपूर्ण शिराओं में चेतना की लहर के दर्शन रेखांकनों, चित्रों, कोलाज के माध्यम से किये जा सकते हैं, जो कि आपकी नर्मदा परकम्मा के दौरान सृजित किये गये। आपकी पद यात्रा का उद्देश्य धार्मिक न होकर सांस्कृतिक रहा है। आपने पर्यावरण सौंदर्य को आत्मीय और श्रद्धा से देखा।

Last modified: 2020-01-08 16:37:10