मिर्जापुर के पुरा शैल चित्र स्थल
Journal: INTERNATIONAL JOURNAL OF RESEARCH -GRANTHAALAYAH (Vol.7, No. 11)Publication Date: 2019-11-30
Authors : आकांक्षा सिंह प्रो. के. रतनम;
Page : 229-234
Keywords : मिर्जापुर; शैल; चित्र स्थल;
Abstract
प्रागैतिहासिक काल के मानव का काल जो अंधकार युग के नाम से प्रतिबिम्बित है, को अज्ञात काल से भी पुकारा जाता है, और इस काल में लिपि का अविष्कार नही हआ था, इस स्थिति में मानव ने अपनी आन्तरिक भावनाओं को प्रकट करने का माध्यम चित्रों को बनाया, उसने जो देखा या महसूस किया, उसे चित्रों के माध्यम से निष्पादित किया, इन चित्रों के अवलोकन से प्रागैतिहासिक मानव के संघर्षपूर्ण जीवन प्रक्रिया तथा विषम वातावरण का ज्ञान प्राप्त होता है। कैसे इतनी विषम परिस्थितियों से संघर्ष करते करते उसे चित्रण करने का विचार आया होगा और सिर्फ विचार ही नही, इतने व्यापक पैमाने पर चित्रण का अविष्कार कैसे किया होगा, किन्तु हमारे इन विचारों से बहुत आगे, प्रागैतिहासिक मानव ने अपनी मौलिक उद्भावना एवं सौन्दर्य बोध का प्रमाण हमें शैल चित्रों के माध्यम से दिया।
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Last modified: 2020-01-08 17:06:19