सावित्रीबाई फुले का संघर्ष और उनकी कवितायें
Journal: Praxis International Journal of Social Science and Literature (Vol.4, No. 3)Publication Date: 2021-03-18
Authors : अशोक मर्डे; उपेन्द्र कुमार;
Page : 32-35
Keywords : रात्रि पाठशाला; ब्राह्मणवादी संस्कृति; दलित विमर्श; स्त्री कविता; भारत की पहली अध्यापिका।;
Abstract
सावित्रीबाई फुले का संघर्ष इस बात के लिए था कि सभी लोगों को समाज में बराबरी के साथ शिक्षा, स्वस्थ्य और सम्मान मिले, चाहे वह स्त्री हो या पुरुष, चाहे वह किसी भी माँ के गर्भ से आया हो। लेकिन इसमें उस समय की सामाजिक व्यवस्था, धार्मिक पाखंड और कर्मकांड बाधक थे। समाज में शिक्षा स्वस्थ्य और सम्मान उसकी जाति, धर्म, लिंग, आर्थिक स्थिति आदि के हिसाब से उपलब्ध था। इन सब कुरीतियों के खिलाफ सावित्रीबाई फुले ने अपने जीवन साथी ज्योतिबा फुले के साथ मिलकर जीवन लगा दी। उनकी कविताओं व लेखों में इसी भावना और मूल्यों को देखा जा सकता है। उनकी कवितायें न केवल उस समय का समाज की तस्वीर दिखाता है, बल्कि उसके खिलाफ प्रतिरोध को भी जाहिर करता है।
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Last modified: 2021-06-21 01:46:13