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भारत में संसदीय लोकतंत्र के 70 वर्ष

Journal: Praxis International Journal of Social Science and Literature (Vol.4, No. 2)

Publication Date:

Authors : ; ;

Page : 30-34

Keywords : लोकतांत्रिक आदर्श; लोकतांत्रिक शासन प्रणाली; संसद की उपलब्धियां; विधायीकार्य; संसद के व्यवधान;

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Abstract

हमारी लोकतांतत्रक शासन प्रणाली में संसद का एक महत्वपूणष स्थान है यह एक ऐसा अधार है तजस पर भारतीय राज्य व्यवस्था बडे ही शानदार ढंग से टिकी है तथा तवतभन्न क्षेत्रों से सराहना प्राप्त कर रही है और ईन सबके तलए प्रेरणा का स्रोत है जो लोकतांतत्रक अदशों के पोषक और संरक्षक हैं। भारत में संसदीय लोकतंत्र ने तवतभन्न चुनौततयों का सफलतापूवषक सामना ककया है। संसदीय लोकतंत्र, तजसके बीज हमारी स्वतंत्रता के प्रारंतभक दशकों में हो बो कदये गये थे, ने अज भारत में बहुत गहरी और मजबूत जडे जमा ली हैं। लोकतंत्र सबसे ऄच्छे ढंग से तभी काम करता है जब वह सबसे ऄतधक प्रतततनतधक होता है। अचार संतहता हमारे तवधानमंडलों में नैततकता का महत्व स्थातपत करने की कदशा में यह एक 'ईतचत कदम होगा। संसदीय प्रणाली एक लचीला ढांचा प्रदान करती है। आसे सुधारने की जरूरत है, बदलने की नहीं।

Last modified: 2021-06-21 23:52:39