ResearchBib Share Your Research, Maximize Your Social Impacts
Sign for Notice Everyday Sign up >> Login

सांस्कृतिक परंपरा की बदलती परिभाषा

Journal: ANSH - JOURNAL OF HISTORY (Vol.3, No. 1)

Publication Date:

Authors : ;

Page : 93-104

Keywords : ;

Source : Downloadexternal Find it from : Google Scholarexternal

Abstract

किसी भी देश, प्रदेश, क्षेत्र विशेष की संस्कृति क्या है ? संस्कृति को कैसे जाना जा सकता है ? संस्कृति किसी समाज में गहराई तक व्याप्त गुणों के समग्र स्वरूप का नाम है। जो समाज के सोचने, विचारने , कार्य करने में अंतर्निहित होती है। संस्कृति को अच्छे से जानने के लिए हमें उस जगह के आचार -विचार, रहन सहन, रीति रिवाज, तीज त्यौहार, बोली भाषा, वेशभूषा, नृत्य – नाटक ,गीत- संगीत ,विश्वास, मान्यता, आदि का गहराई से अध्ययन करना होता है तब जाकर हम संस्कृति को अच्छे से समझ पाते हैं। संस्कृति संस्कृत भाषा का शब्द है, संस्कृति का शब्दार्थ है- “उत्तम या सुधरी हुई स्थिति”। अंग्रेजी में संस्कृति के लिए “कल्चर” शब्द का प्रयोग होता है। मनुष्य एक प्रगतिशील प्राणी है जो अपनी बुद्धि का प्रयोग करके अपने आसपास की चीजों को निरंतर अपने हिसाब से परिवर्तित करता रहा है । मनुष्य अपने जीवन को समृद्धि, संपूर्ण, आनंदित बनाने हेतु , नवीन अविष्कार करता रहता है । इस सिलसिले में कुछ पुरानी बातों को, चीजों को छोड़ नयी अपनाता है । और कुछ परंपराओं का निरंतर निर्वाह करते जाता है जो उसे उचित प्रतीत होती हैं । इस प्रकार संस्कृति कुछ नए को अपनाना, पुराने को छोड़ना और पुराने में से कुछ को परिमार्जित करके अपनाते चले जाना ही संस्कृति का नाम है। देश ,काल, परिस्थितियों का किसी सभ्यता के विकसित होने में बहुत प्रभाव पडता है। तभी तो हम देखते हैं कि ज्यादातर सभ्यताएं। नदियों के किनारे विकसित हुई । नदियों के जल स्रोतों के खत्म होने पर ये सभ्यताएं पतन का शिकार हो गई या फिर इन संस्कृति के लोगों ने अपना निवास स्थान बदल दिया। जैसे ही इन लोगों ने अपना निवास स्थान बदला ,उनकी सभ्यता संस्कृति में निवास स्थान के हिसाब से कुछ परिवर्तन आने लगे।

Last modified: 2021-09-23 13:44:13