सन्त नितानन्द के काव्य में भक्ति के विविध रूप
Journal: Swadeshi International Research Journal of Hindi Literature (Vol.1, No. 2)Publication Date: 2013-09-15
Authors : लक्की;
Page : 63-66
Keywords : भक्ति; नवधा भक्ति ।;
Abstract
सन्त कवि नितानन्द ने भक्ति की महिमा का मुक्त कण्ठ से गायन किया है। वे भक्ति में अपने आपको पूर्ण रूप से लीन कर लेते है। वे एक पल भी ईश्वर से दूरी नहीं बनाना चाहते क्याकि ईश्वर से दूरी रखना भक्ति का विरोधी तत्त्व है। सन्त नितानन्द की भक्ति भावना का अनुशीलन नवधा भक्ति के अन्तर्गत किया जा सकता है।
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Last modified: 2025-04-13 00:25:22