वीरांगना उदा देवी पासी : दलित महिला स्वतंत्रता सेनानी
Journal: Praxis International Journal of Social Science and Literature (Vol.4, No. 3)Publication Date: 2021-03-18
Authors : गीता;
Page : 27-31
Keywords : पासी समुदाय; दलित इतिहास; दलित राजनीति; शहादत; प्रथम स्वतंत्रता संग्राम; ईस्ट इंडिया कम्पनी।;
Abstract
भारतीय समाज में समाजिक यथार्थ हमेशा से मिथकों से प्रभावित होता रहा है। कितने ही बार तो मिथक यथार्थ को एक नया अर्थ भी देता है। अतीत की स्मृतियां सामाजिक जीवन में कई बार अलगाव से उबरने में मदद भी करती है। स्वयं को गौरवशाली अतीत से संबंध करके अपने सामाजिक अस्मिता को बेहतर पहचान देने के उद्देश्य से दमित और वंचित समुदाय के समाजशास्त्रियों और बुद्धिजीवियों ने उदा देवी पासी को इतिहास से खोज निकाला, जिनके शौर्य और बलिदान की कहानी विलोम में खो चुकी थी। अतीत के इस गौरवशाली नेत्री ने दमित और वंचित समुदाय को आत्मगौरव तो दिया ही, उनका राजनीतिक प्रयोग ने सामाजिक-सांस्कृतिक परिदृश्य में अनोखा बदलाव किया।
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Last modified: 2021-06-21 01:43:16