सामाजिक समस्याएॅ व पर्यावरण
Journal: INTERNATIONAL JOURNAL OF RESEARCH -GRANTHAALAYAH (Vol.3, No. 9)Publication Date: 2015-09-29
Authors : बी.एस.जाधव;
Page : 1-3
Keywords : सामाजिक समस्याएॅ व पर्यावरण;
Abstract
आदिम काल से लेकर वर्त मान आधुनिक य ुग तक मन ुष्य न े उन्नति व प्रगतिव के अन ेक सा ेपान तय किए ह ै। मन ुष्य न े बुद्धि के विकास के साथ -साथ प्रगति की है। मानव न े प्रक ृति प्रदत्त साधनों का दोहन कर अपना विकास किया है, किन्त ु विकास की इस अन्धी दौड ़ में मन ुष्य न े प्रकृति प्रदत्त संसाधना ें का अविव ेकपुर्ण दोहन न े प्रकृति व पर्यावरण का े अत्यंत क्षति पहुचाॅई है। मन ुष्य की निरन्तर बढ़ती आवश्यकताआ ें न े पर्यावरण का े क्षति पहुचाई है, जिसमे ं प्राकृतिक अस ुत ंलन को जन्म दिया। इस असंत ुलन न े मानव के समक्ष ग ंभीर संकट उत्पन्न कर दिए ह
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Last modified: 2017-09-25 18:18:45