स्वच्छताः भारत की चुनौती
Journal: INTERNATIONAL JOURNAL OF RESEARCH -GRANTHAALAYAH (Vol.3, No. 9)Publication Date: 2015-09-29
Authors : प्रज्ञा पाण्ड ेय; गरिमा यादव;
Page : 1-3
Keywords : स्वच्छताः भारत की चुनौती;
Abstract
किसी भी द ेश की उन्नति का आधार स्वच्छता व स्वास्थ्य है। स्वच्छ पर्यावरण ही किसी भी समुदाय की स्वास्थ्य स्थिति को ऊंचा उठान े में सहायक है। स्वच्छ पर्यावरण सम ुदाय क े लोगा ें के जीवन स्तर को सुधारन े में सहायक हो सकता है। साथ ही वह समुदाय मं े रोगों के चक्र को तोड ़न े में भी सक्षम ह ै। सरकार व आम जनता के प्रयास व सहभागिता द्वारा विभिन्न संसाधनों का प्रया ेग किया जा रहा ह ै आ ैर ब ेहतर परिणाम हेत ु प्रयासरत हंै। इसके द्वारा समुदाय का सामाजिक-आर्थिक विकास, स्वच्छ पर्यावरण हेत ु संब ंधित सांस्कृतिक कारक, समुदाय की क्षमता, व्यवहार, कान ून आदि का उपया ेग ब ेहतर तरीके से हा े रहा है। भारत द ेश सम्पूर्ण में स्वच्छ पर्या वरण के स्तर में बहुत ही पीछ े है। अस्वच्छता न े आज भी भारत को अपन े घेर े में जकड ़ लिया है, जिसमें से बाहर निकलन े के लिए भारत को स्वच्छता व स्वास्थ्य के मुद ्द ें पर एकजुट होकर काम करन े व विभिन्न रणनीतिया ें व कार्यक्रमों को क्रियान्वित करन े की आवश्यकता है, जिससे लक्ष्या ें को जमीनी स्तर पर सफलताप ूर्वक प ्राप्त किया जा सके। अस्वच्छता के क ुचक्र से बाहर निकलन े के लिए केन्द ्र व राज्य स्तर पर विभिन्न प्रकार की रणनीतियां बनायी जा रही ह ै। स्वच्छ पर्या वरण ही समुदाय का े विभिन्न रोगा ें के चक्र को तोड ़न े में सक्षम ह ै।
Other Latest Articles
Last modified: 2017-09-27 18:50:47