सामंतवादी सामाजिक संरचना के अंतहीन संघर्ष की रूपक : फूलन देवी
Journal: Praxis International Journal of Social Science and Literature (Vol.4, No. 3)Publication Date: 2021-03-18
Authors : कुमारी अंतिमा;
Page : 36-41
Keywords : बागी फूलन देवी; दलित स्त्री; शोषण; फ़िल्म ‘बैडिट क्वीन’; ब्राह्मण पितृसत्ता; क्रांतिकारिता।;
Abstract
फूलन देवी समाज में स्त्री के उस ढ़ांचे को तोड़ती है जिन्हें स्त्री होने मात्र से कमजोर व कमतर आंक लिया जाता है। फूलन देवी अपने साथ हुए अत्याचार का बदला लेती है और प्रशासन के सामने वंचित समाज व स्त्रियों के साथ हो रहे शोषण को चिन्हित करती है। एक लोकतांत्रिक समाज में जहाँ सभी को समान अधिकार दिए गए हैं हाँ बदला लेने जैसी बातें कत्तई ठीक नहीं लगती लेकिन जब एक स्त्री के साथ हुए शोषण में तंत्र चुप्पी साध ले और स्त्री बंदूक उठा ले तो यह भी सोचने वाली बात है। दलित समुदाय की स्त्रियों को यह समाज, समाज में तो ठीक से स्थान देता नहीं है बदले में हिंसा, अत्याचार, बलात्कार व शोषण जैसी त्रासदी से हर रोज रूबरू करवाता है।
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Last modified: 2021-06-21 01:47:42