पंचायती राज एवं महिला सशक्तिकरण
Journal: Drashta Research Journal (Vol.1, No. 03)Publication Date: 2012.08.15
Authors : डाॅ. राजेश दलाल;
Page : 244-252
Keywords : पंचायती राज; महिला सशक्तिकरण; जात-पात; स्वामित्व; कुरीतियां; शैक्षणिक स्तर।;
Abstract
प्राचीन समय से ही महिलाओं का सभ्य समाज के विकास में महत्वपूर्ण योगदान रहा है। यह तो सर्वविदित है कि मनुष्य की प्रथम पाठशाला उसका घर है और माता उसकी गुरू हमारे प्राचीन ग्रन्थों से यह भी पता चलता है कि प्राचीन भारत की संस्कृति और आदर्श महान थे। महिला पूज्य होती थी। जहाँ नारियों की पूजा होती है, वहां देवता निवास करते हैं। यह सिद्धांत हमारे सामाजिक जीवन का आधर था। महिला सृष्टि की अभूतपूर्व रचना है। महिला के बिना सृष्टि की कल्पना नहीं की जा सकती। सृष्टि निर्माण में मनु के साथ श्रद्धा के योगदान को भी नकारा नहीं जा सकता।
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Last modified: 2025-04-12 23:02:53