मामलूक व खिल्जी कालीन हरियाणा की राजनैतिक घटनाएँ (1206-1320 ई.)
Journal: Drashta Research Journal (Vol.1, No. 03)Publication Date: 2012.08.15
Authors : डॉ. त्रिलोचन कौर;
Page : 176-180
Keywords : प्रशासन; उत्तराधिकारी; आक्रमण; अर्थव्यवस्था; विद्रोह;
Abstract
तराइन के द्वितीय युद्ध में पृथ्वीराज चैहान की पराजय के बाद हरियाणा के इतिहास में संघर्ष व उदासीनता के युग का प्रारम्भ हुआ । मोहम्मद गौरी के वापिस अपने प्रदेष में जाने के बाद कुतुबद्दीन ऐबक ने मेरठ, दिल्ली व हरियाणा प्रदेष के पूरे क्षेत्र को अपने अधीन कर लिया । मोहम्मद गौरी की 15 मार्च 1206 में खोखरों ने सिन्धु नदी के किनारे दामयक के एक संघर्ष में हत्या कर दी । मोहम्मद गौरी की मृत्यु के बाद उसके योग्य सेनापति कुतुबद्दन ऐबक ने लाहौर में 14 जून 1206 ई0 को भारतीय क्षेत्रों का सुल्तान घोषित कर एक नए तुर्क राज्य की नीवं डाली । चार वर्ष के अल्प शासन काल में उसने इस क्षेत्र में नियंत्रण स्थापित करना चाहा लेकिन यहां कि स्थानीय जनता से वह सहयोग प्राप्त न कर सका जिससे यहां के निवासी इन को तुर्क ही समझते रहे।
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Last modified: 2025-04-12 22:53:53