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उत्तर-आधुनिकता और कविता की संवेदना

Journal: Swadeshi International Research Journal of Hindi Literature (Vol.1, No. 2)

Publication Date:

Authors : ;

Page : 77-84

Keywords : उत्तर-आधुनिकता; कविता की संवेदना; युरोपीय शून्यवाद; आभिजात्यकला; आत्मपरक शैली; उपयोगितावाद;

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Abstract

‘उत्तर-आधुनिकतावाद' शब्द कई भिन्न अर्थों म­ इस्तेमाल होता चला आ रहा है। यह वर्तमान समय की विचारधारा है, मूड है। एक ऐतिहासिक युग है। सांस्कृतिक कला वस्तु है। सामाजिक अनुलक्षण है। यह सैद्धांतिक संवाद, पारिभाषिक परिचर्चा या वर्तमान वृृत्तांत है। क्या यह एक नकारात्मक रवैया है जो आधुनिकतावाद के विरूद्ध उभरकर सामने आया है और उसकी समस्त संपदा-चिंतन, दर्शन, विचारधारा, व्यवस्था, साहित्य, सभ्यता और मूल्या­ को चुनौती दे रहा है?

Last modified: 2025-04-13 00:31:14