समकालीन हिन्दी कविताआ में आधुनिकता के सन्दर्भ में बदलते मानवीय-मूल्य
Journal: Swadeshi International Research Journal of Hindi Literature (Vol.1, No. 2)Publication Date: 2013-09-15
Authors : विनीता रानी;
Page : 85-91
Keywords : मानवीय-मूल्य; आधुनिकता; सांस्कृतिक मूल्य;
Abstract
आधुनिक होने का मतलब ये नहीं है कि मनुष्य होते हुए मनुष्यता को छोड़कर जानवर की श्रेणी में सम्मिलित हो जाए। जो हमारी संस्कृति है उसे भूल जाए। हम मानवीय मूल्यों की बात करतहै। उन्हें छोड़कर संवेदनहीन हो जाए। ये तो भारतीय संस्कृति नहीं है। आधुनिक होने का मतलब रूढ़िवादी, अन्धविश्वासी होना नहीं अपितु आत्मीयता के साथ जुड़ना है न कि चाटुकारी, मतलबी होकर जीना है। आज के समय को देखते हुए सभ्य, सुव्यवस्थित ढंग से जीने का अभाव निरंतर दिखाई देता जा रहा है, परन्तु कहीं न कहीं इन सब समस्याओं का समाधान हमारे भीतर ही कही छुपा है और जिस दिन अपनी अंतरात्मा से हम सभी साक्षात्कार करगे, उस दिन आधुनिक होने के साथ अपने आप में एक आदर्श व्यक्तित्व की छाया अपने अन्दर महसूस करगे
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Last modified: 2025-04-13 00:35:08