वर्तमान कालीन भारतीय कला-समकालीन कला के संदर्भ में
Journal: INTERNATIONAL JOURNAL OF RESEARCH -GRANTHAALAYAH (Vol.7, No. 11)Publication Date: 2019-11-30
Authors : सचिन केसरवानी;
Page : 281-284
Keywords : वर्तमान कालीन; कला-समकालीन; संदर्भ;
Abstract
कला का समग्र विकास ऐतिहासिक, सामाजिक प्रक्रिया का अंग है। कलाकार नित-नवीन प्रयोगों के माध्यम से नये आयाम स्थापित करता है। वर्तमान समय में भारत ही नहीं अपितु समस्त विश्व में प्रयोगधर्मिता को स्पष्ट रूप से चिन्हित किया जा सकता है। जैसा कि परिवर्तन एक निरन्तर प्रक्रिया है जो आदिकाल से आज तक विद्यमान है जिसमें प्रचलित मान्यताएं पीढ़ियों द्वारा स्वीकृत होती हुई आगे बढ़ती है। किन्तु एक विचारशील सजग समुदाय उन मान्यताओं को अस्वीकार करते हुए एक नवीन दिशा एवं नवीन मूल्यों की ओर समाज को ले जाता है। यहीं से परिवर्तन प्रारम्भ होता है जितनी तीव्रता से जीवन के अर्थ परिवर्तित हो रहे हैं उतनी ही तीव्रता से कला में परिवर्तन हो रहा है।
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Last modified: 2020-01-09 16:59:34