भारतीय चित्रकला की विविध तकनीक
Journal: INTERNATIONAL JOURNAL OF RESEARCH -GRANTHAALAYAH (Vol.7, No. 11)Publication Date: 2019-11-30
Authors : डा. बबीता शर्मा;
Page : 285-290
Keywords : भारतीय; चित्रकला; विविध तकनीक;
Abstract
मानव के जन्म से लेकर आज तक कला उसके साथ परछाई के समान चलती रही। ईशवर ने अपनी समस्त कलाओं के द्वारा सृष्टि की रचना की है। उसकी सभी कलाओं के अन्तरस में सजीवता मुख्य आकर्षण का केन्द्र बिन्दु रही। ईशवर की बनायी कलाकृतियां भी स्वयं में एक सम्पूर्ण कला के रूप में प्रतिष्ठित है। मानव ईशवर की सर्वश्रेष्ठ कला है। जिसमें समस्त कलायें एक माला में मोतियों के समान पिरोई गयी, जो कि समय-समय पर मानव द्वारा संसार को समर्पित होती रही और सदा अपने सौन्दर्य से संसार को सुशोभित करती रही है।
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Last modified: 2020-01-09 17:00:35