आर्यसमाज की राष्ट्रवादी विचारधारा
Journal: Drashta Research Journal (Vol.1, No. 03)Publication Date: 2012.08.15
Authors : रमेश कुमार काला पवन कुमार लाडवा;
Page : 165-169
Keywords : राष्ट्रवाद; पुनर्जागरण; हिंदुत्व; शिक्षा; भारतीयता; स्वदेशी; धर्म सुधार;
Abstract
भारत में राष्ट्रीय विचारधारा का कार्य भारत को एक राष्ट्र में बदलना था। सभी राष्ट्रवादी समाज सुधारक यहीं चाहते थे और स्वामी दयानन्द जी की कल्पना भी यही थी। वह भारत का हिन्दुत्व से राष्ट्रीयकरण करना चाहते थे। स्वामी जी की राष्ट्रीवादी विचारधारा पूर्ण रूप से भारतीयता पर आधारित थी। उन्होंने अपनी पुस्तक ‘सत्यार्थ-प्रकाश' में सबसे पहले कहा है कि ‘‘स्वराज ही सबसे अच्छा राज होता है जाहे वह कितना ही बुरा क्यों न हो।''
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Last modified: 2025-04-12 22:49:33